Paddy care: धान के पौधे हो रहे हैं बोने, कल्लो का फुटाव भी नही हो रहा है, तो डाले ये सस्ती और बड़े काम की चीज, होगा बड़ा फायदा
Paddy care: धान के पौधे हो रहे हैं बोने, कल्लो का फुटाव भी नही हो रहा है, तो डाले ये सस्ती और बड़े काम की चीज, होगा बड़ा फायदा
धान की फसल किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण फसल है। किसान अधिक उत्पादन के लिए अपनी फसलों को स्वस्थ रखने के बारे में तरह-तरह की समाधान ढूंढते हैं लेकिन मौसम के बदलने के साथ-साथ पौधों में भी कई रोगों का आगमन होना शुरू हो जाता है ऐसे में अगर सावधानी न बरती जाए तो एक छोटा सा रोग भी पूरी फसल बर्बाद कर देता है
हम बात कर रहे हैं धान में होने वाले खैरा रोग की, धान के खैरा रोग का अधिक प्रकोप बदलते मौसम के साथ होता है इसकी पहचान करना आसान है इसमें पत्तियों पर हल्के पीले रंग के धब्बे बनते हैं जो बाद में कत्थई रंग के हो जाते हैं पौधा बोना रह जाता है कल्लो का फुटाव कम होता है
धान में खैरा रोग जिंक की कमी के कारण आता है इस रोग की रोकथाम के लिए हम जिंक सल्फेट 33%को 5 किलो प्रति एकड़ की दर से यूरिया में मिलाकर फसल को दे सकते हैं साथ ही समय-समय पर खरपतवार भी निकालते रहना चाहिए ताकि पौधों में अन्य किसी रोग का प्रकोप ना रहे। धान में ज्यादातर रोग खरपतवार के कारण फैलते हैं इसलिए समय रहते धान में उग रही घास और खतरनाक खरपतवार निकालना बहुत जरूरी हो जाता है।